कुष्ठ-कल्याण
13 जुलाई, 1983 से निरन्तर कुष्ठ रोगियों की खोज, उनका उपचार तथा समग्र पुनर्वास के क्षेत्र में संस्था कार्य करती आ रही है। वर्तमान में 89 कुष्ठ रोगी अंतःवासी हितग्राही के रूप में स्थायी रूप से अपने परिवारों के साथ निवास कर रहे हैं। परिसर में उपलब्ध सुविधाओं एवं रोजगार एवं स्वरोजगार की समुचित व्यवस्था के साथ ही संस्था में प्राप्त आत्मविश्वास के कारण कुष्ठ रोगी, रोगमुक्त होकर भी अपने घर-गाँव नही जाते है। परिणाम स्वरूप आवास के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं का आभाव रहता है। शासन स्तर से केवल भरण-पोषण मद में अनुदान प्राप्त होता है। आवास चिकित्सा आदि में संस्था को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। संस्था द्वारा समय-समय पर आवास, कुटीर हेतु शासन की कल्याणकारी योजनाओं के तहत निवेदन किया जाता है, परन्तु कुष्ठ रोगियों के लिये आवास की सुविधा अद्यावधि प्राप्त नहीं हो पाई है। संस्था के प्रयासों व शासन के समन्वय से सम्पूर्ण आशाग्राम में सड़क का निर्माण कर डामरीकरण किया गया है, तथा सभी कुष्ठ अंतःवासियों के अंत्योदय राशन कार्ड भी निर्मित हो गए है साथ ही शासकीय राशन दुकान भी परिसर में ही संचालित हो रही है, किन्तु अन्त्योदय योजना का लाभ इन पात्र हितग्राहियों को प्राप्त नहीं हो रहा है।
कुष्ठ रोग से मुक्त व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराना संस्था का मुख्य लक्ष्य है और इसी लक्ष्य की प्रतिपूर्ति के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में स्थाई रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर स्वावलम्बी जीवन व्यापन करने का अवसर प्रदान किया जा रहा हैं। कुष्ठ रोगियों के आर्थिक विकास के लिए संस्था ने “आशा बुनकर सहकारी संस्था मर्यादित” का गठन कर पंजीयन कराया है। वर्तमान में आशाग्राम में केवल पंजा दरी का निर्माण किया जाता है। संस्था द्वारा उत्पादित पंजा दरी ट्रस्ट द्वारा क्रय किये जाते हैं ट्रस्ट द्वारा बिना लाभ-हानि के आधार पर अपने स्तर से बाजार में विक्रय किया जाता है। मार्केटिंग के समुचित अवसर नहीं होने के कारण सदस्यों को वर्षभर काम नहीं मिलने के कारण आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आशातित सफलता प्राप्त नहीं हो रही है, फलस्वरूप युवाओं को स्वयं के व्यवसाय से जोड़कर परिसर में किराना इत्यादि के व्यवसाय से जोड़ा गया है तथा कुछ युवा ट्रेवलिंग व्यवसाय एवं सिविल व पेंटिंग के कान्ट्रेक्टर बन गए हैं।
नवीन रोगियों की खोज
वर्ष 2019-20 में 03 नवीन गंभीर कुष्ठ रोगियों को उपचार की समुचित व्यवस्था की गई । नवीन कुष्ठ रोगियों को संस्था में अंतःवासी हितग्राही के रूप में प्रवेश देकर आवास, भोजन, वस्त्र, बिस्तर एवं चिकित्सा की सुविधा प्रदान की जा रही है।
कुष्ठ /अपंग पुनर्वास योजना के संचालन हेतु सामाजिक न्याय विभाग द्वारा अंतःवासी हितग्राहियों हेतु भरण-पोषण के लिए अनुदान प्राप्त होता है। कुष्ठ /अपंग पुनर्वास कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए 21 अधिकारी /कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं जिसपर वर्तमान में 18 कर्मचारी विभिन्न पदों पर कार्यरत है शेष 03 पद रिक्त हैं। कार्यरत कर्मचारियों के वेतन»भत्ते पर होने वाले व्यय का अनुदान विभाग द्वारा स्वीकृत किया जाता है। यहां यह उल्लेख करना उपयुक्त होगा कि संस्था को यथासमय अनुदान राशि प्राप्त नहीं होने के कारण वित्तीय कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। कर्मचारियों को मानदेय एवं भरण-पोषण की राशि का हर माह वितरण करने में संस्था को गंभीर आर्थिक कठिनाईयां होती हैं।
वर्तमान में शासन द्वारा प्रति हितग्राही प्रतिमाह 1000 ,/- रूपये भरण-पोषण हेतु अनुदान दिया जाता है जो कि इस भीषण मंहगाई के युग में हितग्राहियों के आवास, भोजन, चिकित्सा, वस्त्र, बिजली-पानी आदि बुनयादी सुवधिएँ उपलब्ध कराना असंभव है। परिणाम स्वरूप हितग्राहियों मे असंतोष बना रहता है। शासन से भरण-पोषण मद में कम से कम 4000 /- प्रतिमाह प्रति हितग्राही के लिये अनुदान हेतु मांग भी की गई है। उक्त राशि की स्वीकृति मिलने पर संस्था हितग्राहियों की और उचित देखभाल करने में सफल होगी। हितग्राहियों को स्वच्छ भारत योजना अंतर्गत शौचालय निर्माण में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है योजनांतर्गत हितग्राहियों से 1280,/-रूपये अंशदान नगर पालिका बड़वानी द्वारा कहा गया है जिसे जमा कर पाना इन अन्त्योदय वासियों के लिए दूभर है। शासन स्तर पर अंशदान में छूट देने के प्रयास जारी है। कुल 44 शौचालयों का निर्माण हुआ है। ट्रस्ट द्वारा कुष्ठ हितग्राहियों के जर्जर आवास के लिए भी सम विकास की पहल तथा स्वजन के लिये श्रुजन अभियान चलाकर नवीन आवास निर्माण का प्रयास किया जा रहा है तथापि शासन की सहभागिता से ही निर्माण कार्य पूर्ण हो पाएगा।
दिव्यांग सशक्तिकरण
संस्था द्वारा वर्ष 1990 से दिव्यांगजनों के समग्र पुनर्वास की दिशा में कार्य प्रारंभ किया गया। दिव्यांगजनों को निःशुल्क कृत्रिम अंग तथा सहायक उपकरण एवं शल्य चिकित्सा की सुविधा निरन्तर प्रदान की जाती है। दिव्यांगजनों को निःशुल्क कृत्रिम अंग /उपकरण की सुविधा भारत शासन के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, नई दिल्ली के आर्थिक अनुदान से प्रदान की जाती है। वर्ष 2018-19 में संस्था द्वारा एडिप योजनांतर्गत बड़वानी में जिला स्तरीय दिव्योगजन शिविर एवं सेंधवा में खण्ड स्तरीय शिवर का आयोजन कर दिव्यांगजनों को ट्रायसिकल, व्हील चेअर्स, बैसाखी, श्रवण यंत्र, ब्लाइंट सटीक इत्यादि विकलांगोपयोगी सहायक उपकरण निःशुल्क वितरित किए गए है।
फलोद्यान
शिक्षा
आशा इस्टीट्युट ऑफ नर्सिंग
वर्ष 2012-13 में चिकित्सा क्षेत्र में संस्था द्वारा आदिवासी बहुल क्षेत्र के निर्धन छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उददेष्य से परिसर में सर्व सुविधायुक्त आशा इंस्टीट्युट ऑफ नर्सिंग की स्थापना की गई है, जिसमें तीन वर्षीय जी.एन.एम. डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ किया जाकर प्रतिवर्ष 40 छात्र/छात्राओं का प्रवेश लिया जाता है। वर्तमान में 116 छात्र»छात्राऐँ प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इंस्टीट्युट की स्थापना से जनजातिय बाहुलय जिले के कुशल प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्ता उपलब्ध हो पाए हैं तथा नर्सिंग छात्र-छात्राएँ जिला चिकित्सालय बड़वानी में भी अपनी निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाऐँ प्रदान कर रहे हैं। इस वर्ष तीसरा बेच पास आऊट होकर निकला है। संस्था का परीक्षाफल शतृप्रतिशत रहा। संस्था से पास आऊट अधिकांश विद्यार्थियों को रोजगार भी प्राप्त हो गया है। इंस्टीट्युट की नर्सिंग छात्राएं जिला स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भी अपनी सहभागिता देकर अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान में सतत् सहयोग प्रदान कर रही है।
मंदबुद्धि आवासीय परियोजना (सक्षम परियोजना)
वर्ष 200 में म.प्र. शासन की सर्वशिक्षा अभियान योजनान्तर्गत 50 मन्दबुद्धि बच्चों के लिये आवासीय छात्रवास संचालित किया जा रहा है जिसमें आवास, भोजन, वस्त्र-बिस्तर, चिकित्सा एवं शिक्षण-प्रशिक्षण आदि की सुविधा जिला शिक्षा केन्द्र, बड़वानी के आर्थिक सहयोग से निःशुल्क प्रदान की जा रही है। सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत मन्दबुद्धि बच्चों को विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाकर उन्हे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे है। वर्ष 2019-20 में 50 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं ।
जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र
अगस्त 2009 से शासन के निर्देशानुसार जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। संस्था द्वारा निःशक्तजनों के समग्र कल्याण एवं पुनर्वास हेतु आवश्यकतानुसार सुविधाऐ प्रदान की जाती है। केन्द्र द्वारा शासन प्रदत्त सुविधा का लाभ जरूररतमंद निःशक््तजनों को उपलब्ध कराने हेतु समय-समय पर बैठकों, सेमिनारों एवं कार्यक्रमों द्वारा प्रचार-प्रसार किया जाता है। केन्द्र पर आने वाले निःशक्तजनों को उनकी आवश्यकतानुसार कृत्रिम अंग /सहायक उपकरणों की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाती है एवं शासन प्रदत्त योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु मार्ग दर्शन प्रदान किया जाता है।
नशाबंदी कार्यक्रम
संस्था द्वारा वर्ष 2006 से नशाबंदी के क्षेत्र में कार्य प्रारंभ किया गया है, जिसमें उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हो रही है। मादक पदार्थों तथा मादक द्रव्यों की रोकथाम के लिये संस्था द्वारा वर्षभर कार्यक्रम चलाये जाते है। समाज के सभी वर्गो में बढ़ती हुई नशा सेवन की प्रवृत्ति की रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। मनोरोग चिकित्सक द्वारा नशाबंदी कार्यक्रम के अन्तर्गत मादक पदार्थों एवं मादक द्रव्यों के सेवन से मुक्ति दिलाने का प्रयास किये गये हैं।
नशाबंदी कार्यक्रम अन्तर्गत संस्था द्वारा समय-समय पर सेमीनार, रैली, प्रदर्शनी, वाद-विवाद, निबंध, चित्रकला, नाटक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। नशाबंदी कार्यक्रम के क्षेत्र में संस्था द्वारा किये जा रहें प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की जाती है। नशामुक्ति योजनांतर्गत नशामुक्ति, शिविरों, रैली, सेमीनार आदि कार्यक्रमों में किया गया।
सांस्कतिक गतिविधियाँ
आशाग्राम ट्रस्ट परिसर में कुष्ठ रोगियों व उनके परिवार के सदस्यों द्वारा सामूहिक रूप से समय-समय पर धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। गणेशोत्सव, नवदुर्गोत्सव, दशहरा पर्व, दीपावली, महाशिवरात्रि एवं विश्वकर्मा जयन्ति जैसे धार्मिक कार्यक्रमों के वृढह स्तर पर आयोजन किये जाते है। परिसर में महामृत्युजंय महादेवजी, भोम्याबाबा का मन्दिर स्थापित है वही आशाग्राम की पहाड़ी पर हनुमानजी की 51 फीट ऊँचाई वाली भव्य मूर्ति का निर्माण किया गया है, जहाँ प्राकृतिक व नैसर्गिक वातावरण में धार्मिक कार्यक्रमों के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम आरती की जाती है। हितग्राहियों एवं भक्तजनों को प्रसादी का वितरण किया जाता है। संस्था में स्वतंत्रतादिवस व गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण के साथ बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुन्दर प्रस्तुति की जाती है। हनुमान प्रतिमा तक पहुंच हेतु तत्कालिन कलेक्टर श्री श्रीमन् शुक्लजी द्वारा श्रमदान में अगुवाई कर सीढ़ियों का निर्माण करवाया गया तथा वर्ष 2015-16 में अनुविभागीय अधिकारी श्री दीपक आर्य द्वारा भी इस कार्य को आगे बढ़ाते हुऐं जन सहयोग से प्रतिमा के नीचे सीमेंट कांक्रिट का कार्य करवाया गया है। संस्था में जन जातीय बाहुलय हितग्राहियों की संख्या सत् प्रतिशत होने से भगोरिया पर्व की भी यहां विशेष धूम होती है।
पर्यावरण संरक्षण एवं परिसर सौदर्याकरण
आशाग्राम का विस्तार लगभग 35 एकड़ भूमि पर है, जिसके मध्य में एक पहाड़ी है। विगत 35 वर्षों से निरंतर वर्षाकाल के पूर्व पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। संस्था की स्थापना के समय इसपरिसर में एक भी पेड़ नहीं था। परिसर पथरीला एवं ढालू है। इस भूमि का सीढ़ीनुमा कटाव करके उसे समतल बनाया गया व बाहर से उपजाऊ मिट्टी लाकर डाली गई। इस भूमि पर आज 1257 वृक्ष लहलहा रहे है। सारा परिसर घनी हरियाली का पर्याय बन गया है। इस कार्य में नगर की रासे.यो. ईकाईयों के विद्यार्थियों, वन विभाग व अंतःवासियों ने सक्रीय सहयोग प्रदान किया है।
अपना घर वृद्धाश्रम
1 अक्टूबर 2017 वृद्धजन दिवस के अवसर पर आशाग्राम ट्रस्ट द्वारा निराश्रित एवं उपेक्षित वृद्धजनों क सहायतार्थ अपना घर’ वृद्धाश्रम की शुरूवात की जिसका शुभारंभ डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी उपसंचालक श्री सत्येन्द्रसिंह एवं आशाग्राम ट्रस्ट के न््यासीगणों के द्वारा किया गया है। आज अपना घर’ में 08 वृद्ध पुरूष एवं 03 वृद्ध महिलाएं सुखद जीवन का लाभ ले रहे हैं। उक्त आश्रम में 25 वृद्धों को आवासीय सुविधा देने की व्यवस्था है। यहां पर ही वृद्धजनों के लिए चिकित्सा सुविधा, लायब्रेरी, मनोरंजन कक्ष, गार्डन, मंदिर परिसर आदि की व्यवस्था है।
नेशनल ट्रस्ट की गतिविधियाँ
ट्रस्ट द्वारा नेशनल ट्रस्ट के अंतर्गत लिगल गार्जियनशिप, निरामया बीमा आदि कार्य निरन्तर किये जा रहे हैं। वर्ष 2019-20 में निरामया हेल्थ कार्ड का पोर्टल से डाउनलोड कर केम्प के माध्यम से हितग्राहियों को वितरित किये गये तथा निरामया हेल्थ बीमा के बारे में जानकारी प्रदान की गई तथा दो हितग्राहियों को लिगल गार्जियनशीप प्रमाण-पत्र वितरण किये गए साथ ही आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी प्रदान की गई।
नशामुक्ति केन्द्र
संस्था द्वारा मानसिक स्वास्थ्य परियोजना 199 से ही नशामुक्ति उपचार एवं जनजागरूकता का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। संस्था द्वारा मनोरोग विशेषज्ञ की उपस्थिति में समय-समय पर नशामुक्ति शिविरों भी आयोजन किया जाता है।
वर्ष 2018 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की IRCA योजना अंतर्गत नशामुक्ति केन्द्र संचालन हेतु विधिवत् अनावर्ति व्यय हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान किया गया है। इसके साथ अब नशामुक्ति के लिए जरूरतमंदों को आंतरिक चिकित्सा की भी सुविधा और अधिक बेहतर ढंग से प्राप्त हो सकेगी |
वृक्षारोपण
ग्रीन लंग्स अर्थ फाउण्डेशन के सहयोग से वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण एवं परिसर सौन्दर्यीकरण आशाग्राम का विस्तार लगभग 35 एकड़ भूमि पर किया गया है। विगत 30 वर्षों से निरंतर वर्षाकाल के पूर्वपौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। संस्था की स्थापना के समय इस परिसर में एक भी पेड़ नहीं था। परिसर पथरीला एवं ढालू है। इस भूमि का सीढ़ीनुमा कटाव करके उसे समतल बनाया गया व बाहर से उपजाऊ मिट्टी लाकर डाली गईं। इस भूमि पर आज सैकड़ों वृक्ष लहलहा रहे है। सारा परिसर घनी हरियाली का पर्याय बन गया है।
आशा चिकित्सालय
जिला प्रशासन एवं जिला चिकित्सालय के सहयोग से वर्ष 2020-21 में वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान आशा चिकित्सालय को निःशुल्क कोविड केअर सेंटर के रूप में स्थापित कर जिले की समग्र कोविड से प्रभावित मरीजों का ईलाज किया गया एवं क्वरंटाईन सेंटर के रूप में केन्द्र का संचालन किया गया।
Years of
Foundation
monthly
donors
incredible
volunteers
successful
campains
More then 345 000+
People Were Helped
Become the One Who is Considered a Hero
Elementum sagittis vitae et leo duis ut diam quam nulla. Sodales ut etiam sit amet nisl purus in mollis nunc. Faucibus scelerisque eleifend donec pretium arcu cursus euismod quis viverra.
What People Think
Dictum fusce ut placerat orci nulla. At auctor urna nun id cursus metus convallis aliquam posuere eleifend. Dictum fusce ut placerat orci nulla. At auctor urna nun id cursus metus convallis aliquam posuere eleifend.Dictum fusce ut placerat orci nulla. At auctor urna nun id cursus
Dwayt Harder
VOLUNTEERAt auctor urna nun id cursus metus convallis aliquam posuere eleifend.Dictum fusce ut placerat orci nulla. At auctor urna nun id cursus. Dictum fusce ut placerat orci nulla. At auctor urna nun id cursus metus convallis aliquam posuere eleifend. Dictum fusce ut placerat orci.